Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai
Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai

आजकल सुनते यूं नग़में खूब है

(Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai )

 

 

आजकल सुनते यूं नग़में ख़ूब है!

याद में उसकी हम रोते  ख़ूब है

 

फ़ोन भी मेरा उठाता वो नहीं

फ़ोन भी ऐ यार करते ख़ूब है

 

तल्ख़ बातें कर गया वो आज भी

प्यार से ही जिससे बोले ख़ूब है

 

होश कैसे हो ख़ुशी का फ़िर भला

जाम ग़म का रोज़ पीते ख़ूब है

 

वो हक़ीक़त में बनेगा ही नहीं

आ रहे है जिसके  सपने ख़ूब है

 

चाहता  हूँ जो  मिला कब नसीब से

बेबसी से  रोज़ घिरते ख़ूब है

 

एक दिन आकर मिलेगे  वो जरूर

आज वो हमसे ही रूठे ख़ूब है

 

वो दिखाते है निगाहें ग़ैर अब

प्यार के ख़त आज़म भेजे ख़ूब है

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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