भूल जाने का उसे ए रब असर दे | Ghazal bhool
भूल जाने का उसे ए रब असर दे
( Bhool jane ka rab use asar de )
भूल जाने का उसे ए रब असर दे
सब्र ऐसा जिंदगी भर रब मगर दे
बेरुख़ी से देखना वो छोड़ दे वो
ए ख़ुदा उसको मुहब्बत की नज़र दे
के न जाने हाल क्या होगा उसी का
अब उसकी ए यार कोई तो ख़बर दे
भेज कोई दोस्त ऐसा जिंदगी में
ए ख़ुदा दिल से वफ़ा जो उम्रभर दे
पल यहाँ तन्हा मगर कटता नहीं है
ए ख़ुदा कोई हंसी नजरें इधर दे
जिंदगी की दूर तन्हाई हो जाये
फूल वो आज़म मुहब्बत का अगर दे