Ghazal for Love in Hindi
Ghazal for Love in Hindi

तुम्हें देख कर मुस्कुराते रहेंगे

( Tumhen dekh kar muskurate rahenge )

 

तुम्हें देख कर मुस्कुराते रहेंगे
दिल-ओ-जान तुम पर लुटाते रहेंगे

बिठाकर तुम्हें दिल की बगिया में हमदम
ग़ज़ल प्यार की रोज़ गाते रहेंगे

अगर रूठ जाओगे तुम हमसे जब जब
मुहब्बत जता कर मनाते रहेंगे

नशेमन ये अपना महकता रहेगा
इसे फूलों से हम सजाते रहेंगे

ज़माने में रुसवाइयों के ही डर से
निगाहो को कब तक चुराते रहेंगे

सबक सीख ले नीता कोई भी हमसे
निशां राहों में हम बनाते रहेंगे

 

रचनाकार: सुनीता गर्ग (नीता)
पंचकूला
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