Ru ba ru ghazal
Ru ba ru ghazal

सुनिए सब आपके रु- ब -रु है ग़ज़ल

( Suniye sab aap ke ru-ba-ru hai ghazal )

 

 

सुनिए सब आपके रु ब रु है ग़ज़ल
होठों पे प्यार की ही शुरु है ग़ज़ल

 

जो सकूं दें टूटे दिल को मेरे बहुत
कर रहा हूँ ऐसी जुस्तजू है ग़ज़ल

 

आरजू है मिलनें की ख़ूब दिल में मेरे
ढूढ़ता हूँ वो मैं कू ब कू है ग़ज़ल

 

सांस जिसके बिना लें नहीं सकता हूँ
जिंदगी वो बनी आरजू है ग़ज़ल

 

दिल करे सुनता जाऊँ रात दिन मैं उसे
उसके जैसी सूरत हू ब हू है ग़ज़ल

 

नफ़रतों के शरारे हुये दूर है
कर रही प्यार की गुफ़्तगू है ग़ज़ल

 

ज़ख्म आज़म के भरने लगे है सभी
बन गयी जिंदगी की रफू है ग़ज़ल

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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