भारत ही नहीं विश्व पटल पर हिंदी का विकास निरंतर देखने को मिल रहा है। अभी हाल में ही हुए जी-20 में आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा हिंदी में ही सभी को संबोधित कर आमंत्रित किया गया एवं सभी को आमंत्रण पत्र पर हिंदी में ही
” भारत “ लिखा गया यह एक बहुत बड़ा उदाहरण है हिंदी को इस विश्व स्तर के कायक्रिम में सम्मानित करने का ।

इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी जी ने हिंदी के व्यवहार और प्रचलन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं जैसे की नई शिक्षा नीतियों में हिंदी को महत्व दिया गया एवं केंद्रीय सरकार व राज्य सरकार के पत्राचारों में भी हिंदी का योगदान एवं महत्व को बढ़ाया गया है।

एक तरफ जहां पहले सभी सरकारी काम इंग्लिश में ही होते थे बहा आज संविधान के लागू होने के 15 वर्ष बाद ही हिंदी व इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में कार्य किए जाते हैं। हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमेशा को हिंदी को वही मान सम्मान दिया जिसकी वह अधिकारी है और वह सदैव ही मार्ग निकाल ही लेते है हिंदी के विकास का और हिंदी के प्रचार का।

हिंदी हमारे संविधान में राजभाषा और राष्ट्रभाषा से सम्मानित है । गांधी जी एवं नेहरू जी द्वारा संविधान के लागू होने के बाद परिचर्चा कर 1950 में इसे यह दर्जा प्राप्त हुआ। हिंदी हमारी सर्वश्रेष्ठ भाषा हमारा अस्तित्व ” संस्कृत ” से ही हिंदी का जन्म हुआ है , परंतु हिंदी बोलचाल की संबंध में अत्यंत सरल होने से निरंतर यह प्रगतिवाद और विकासशील रही।

हिंदी दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। हम हर वर्ष हम 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं इस दिन भारत के आधिकारिक भाषाओं में से ही हिंदी को भी एक भाषा घोषित किया गया । हिंदी भाषा के महत्व और महत्वता पर ध्यान देने के लिए एवम् हिंदी की विविधता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से हिंदी दिवस मनाया जाता है ।

हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो समरसता को दर्शाती है यह अन्य भाषाओं के शब्दों को भी अवशोषित कर लेती है और समाहित रूप से बोली जा सकती है आजकल एक नया प्रचलन है हिंदी के शब्दों में इंग्लिश के शब्दों का प्रयोग करके बोलना जिसे हम हिंदी ना बोलकर हिंग्लिश कहते हैं। आधुनिकरण के इस युग में सामान्य बोलचाल में यह भाषा का उपयोग नई पीढ़ी व्हाट्सएप पर फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य माध्यम से इसका उपयोग कर रही है।

हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु काफी लंबी लड़ाई लड़ चुके राजेंद्र सिंह का जन्म दिवस भी 14 सितंबर को ही मानते हैं जिस दिन इसे राष्ट्रभाषा स्वीकार किया हिंदी संवैधानिक रूप से राजभाषा होने के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी हिंदी ही है यही कारण था कि हिंदी का चयन राष्ट्रभाषा के रूप में करने का विचार किया गया । हिंदी संपूर्ण भारत के लिए विभिन्न राज्यों में अपना विशेष स्थान रखती है। इसे अबू धाबी में भी तीसरी भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।

सरल और शुद्ध रूप में हिंदी अपने विकास की ओर निरंतर प्रगतिशील होते हुए साहित्य में भी अपनी अमिट छाप से प्रतिष्ठित है। जिस युग को हम भारतेंदु युग से पहचानते हैं वही साहित्य में हिंदी की कविताओं के लिए उद्गम बना और लेखन कहानी के रूप में भी प्रथम बार विस्तार हुआ।

आज निरंतर हिंदी में एक से बढ़कर एक पटकथा ,लेखक , कविता – कार साहित्यकार हिंदी को गौरवान्वित करते हुए अपनी प्रतिष्ठित छवि बना चुके हैं। आज हम आधुनिक हिंदी में जी रहे हैं और यह अनुभव बड़ा शानदार प्रतीत होता है।

आज लगातार हिंदी की लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि टेलीविजन एवं अन्य माध्यम पर हम हिंदी में प्रसारण सुनते हैं और देखते हैं यहां तक की हर वर्ष हमारे भारत में कई राज्यों की प्रदर्शनी बाद झांकियां के सहित समस्त उद्बोधन हिंदी में ही रहता है। कई सारे सांस्कृतिक और प्रदेश के कार्यक्रम की झलकियां निरंतर हमारी हिंदी को गौरवान्वित करती है। और यह अपने आप में श्रेष्ठ है वह दिन दूर नहीं जब हिंदी का डंका वैश्विक स्तर पर अपना परचम लहराएगा।

जय हिंद जय भारती

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश

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