हमें आप से दिल लगाना पड़ेगा
हमें आप से दिल लगाना पड़ेगा
( Hame Aap Se Dil Lagana Padega )
हमें आप से दिल लगाना पड़ेगा।
ज़माने से तुम को चुराना पड़ेगा।।
बहे जैसे खूं मेरी नस-नस में हरदम।
तेरा प्यार ऐसे बसाना पड़ेगा।।
सदा मेरे दिल की रहो बन के धङकन।
मेरी साँस बनके समाना पड़ेगा ।।
मेरी रूह तुम को पुकारा करेगी।
कहीं भी रहो तुम को आना पडेगा।।
न बेशक पढ़ो आज ग़ज़लों को मेरी।
किसी रोज सुन गुनगुनाना पड़ेगा।।
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कवि व शायर: मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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