हां वफ़ा का जिसे लिखा खत है
( Han Wafa Ka Jise Likha Khat Hai )
हां वफ़ा का जिसे लिखा ख़त है !
दें गया वो मुझे बेवफ़ा ख़त है
शहर जाकर भुला मुझे ऐसा
फ़िर कभी भी नहीं लिखा ख़त है
वो न देता जवाब कोई भी
की लिखा प्यार से भरा ख़त है
दें रहा वो बू ग़ैर होने की
हां जिसे प्यार का दिया ख़त है
बेवफ़ा प्यार में हुआ ऐसा
फ़िर नहीं उसका ही मिला ख़त है
चोट खायी यूं बेवफ़ाई की
रोज़ आज़म लिखा वफ़ा ख़त है