हंसती एक लड़की | Hansti ek Ladki
हंसती एक लड़की
( Hansti ek Ladki )
ज़ोर से हंसती एक लड़की
मानो खटकती है
हर पुरुष की आँखों में
मानो वो एक ख़तरा
पैदा कर देती है
हर उस स्त्री के लिये
जिसे वो बांध कर आए हैं
अपने घर की चारदिवारी में
ज़िम्मेदारियों की ज़ंजीरों से।
ये हंसी सीधा हमला कर देती है
सदियों पुरानी उस परंपरा पर
जिसमें बताया गया है कि
संस्कारी लड़कियाँ नहीं हंसती ज़ोर ज़ोर से
संस्कारी लड़कियाँ नहीं हंसती बीच चौराहों पर
संस्कारी लड़कियाँ नहीं हंसती मर्दों से भरी ट्रेन में
संस्कारी लड़कियाँ नहीं हंसती कभी कभी बिना वजह ही
ये हंसती हुई लड़कियाँ
मानो एक ज़ोरदार तमाचा मारती हैं
उन मर्दों को
जिन्होंने बनाया ये जुमला
“हंसी तो फँसी”
क्योंकि उनके हंसने का
उनके पटने या फँसने से नहीं होता कोई संबंध
ये लड़कियाँ हंसती हैं
क्योंकि ये हँसना जानती हैं
ये खुल के जीना जानती हैं
ये बनाना चाहती हैं दुनिया को थोड़ा और ख़ुशनुमा
ये बनाना चाहती हैं जीवन को थोड़ा और सरल
ये ज़ोर से हंसने वाली लड़कियाँ
ये ज़ोर से हंसने वाली लड़कियाँ
©️गरिमा भाटी “गौरी”
Bahot hi badhiya… Samaaj me naari ke liye bani sabhi bediyo se upar uthti ek kavita… Kavi ko bahot bahot shubhkamnaye…..