पिता के संग | Pita ke sang
पिता के संग
( Pita ke sang )
पिता के संग
देखे है कई रंग
जीवन की आंख मिचोली
वक्त के भिन्न रंग
दिल में दबे पिता के अरमान
आँखों में सजे सपने
भूतकाल की जमीं गर्द
भविष्य के उजले सवेरे की उम्मीद
बांहों में खेलने से लेकर
उनके काँधे तक पहुंचने का सफर
जिंदगी का जिया है
अभिन्न अंग !!
डी के निवातिया