संगीत जीवन की मुस्कान
( Sangeet jeevan ki muskan )
जलहरण घनाक्षरी
वीणा की झंकार बजे,
मधुर लगे संगीत।
जीवन की मुस्कान है,
सरगम संगीत का।
सुर लय तान प्यारी,
मोहन धुन सुहानी।
दिल को लुभाता प्यारा,
मीठा तराना गीत का।
मन को खुशी देता है,
आनंद से भर देता।
महफिल महकाये,
सुर ताल संगीत का।
साज छेड़े गीत गाए,
बोल सबके मन भाए।
हर्ष मोद खुशी लाए,
गीत सुहाना प्रीत का।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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