
श्रीकृष्ण
( Shri Krishna )
मनहरण घनाक्षरी
माधव मुरली वाले,
गोकुल के घनश्याम।
नंदलाल गिरधारी,
लीलायें रचाइये।
यशोदा के राजदुलारे,
जन जन के सहारे।
चक्र सुदर्शन धारी,
मुरली बजाइए।
राधा के मोहन प्यारे,
जग के तारणहारे।
जय हो तेरी केशव,
विपद निवारिये।
सखा सुदामा हे कृष्णा,
करुणासागर कान्हा।
भक्तों के कष्ट हरने,
दौड़े-दौड़े आइए।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )