अनोखा रिश्ता | Hindi katha
अनोखा रिश्ता
( Anokha rista : Hindi kahani )
( Anokha rista : Hindi kahani )
पिता जी बूढ़े हो गए थे और चलते समय दीवार का सहारा लेते थे। नतीजतन, दीवारें जहाँ भी छूती थीं, वहाँ रंग उड़ जाता था और दीवारों पर उनके उंगलियों के निशान पड़ जाते थे। मेरी पत्नी यह देखती और अक्सर गंदी दिखने वाली दीवारों के बारे में शिकायत करती। एक दिन, उन्हें सिरदर्द हो…
मनीष और उसकी बहन साक्षी दोनों ही शिक्षक हैं। उनमें समाज में व्याप्त मूढताओं पर अक्सर बहस किया करते थे। उन्हें लगता था कि बच्चों को स्कूल में यदि हम रोजाना कुछ न कुछ अंधविश्वास के बारे में जानकारी देते हैं तो वे धीरे-धीरे उनमें असर होने लगेगा। अगले दिन जब मनीष विद्यालय गया तो…
एक बाग में चारों तरफ लोग बड़े आश्चर्यचकित नजरों से देख रहे थे। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसे संभव हो गया। आश्चर्यजनक विषय यह था कि उस बाग में लोगों ने पहली बार बिना कांटों का गुलाब का पौधा देखा था। लोगों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा…
“बहुत मजा आया। कितनी अच्छी पूड़ी कचौड़ी सब्जी बने थे ऊपर से रसगुल्ले भी मिले।’ तेरही खाकर लौट रहे सुदेश ने अपने मित्र से कहा। ” मजा तो आया भाई लेकिन यार देखो ना बीमारी के कारण शरीर सूखकर कांटा हो गया ।सारा पैसा दवाई में खर्च कर दिया । खेत भी गिरवी रख दिया…
चीनू, मीनू , रामू, दिनेश , भोलू और टीनू पांच से दस वर्ष के बच्चे हाथों में गेंद उठाये शोर मचाते हुए घरों से निकले और खुले मैदान में आ कर गेंद को पैरों से लुढ़का लुढ़का खेलने लगे । दूर से आती बाँसुरी की धुन ने बच्चों का ध्यान आकर्षित किया और दिनेश ने…
कलयुग का प्रेम ( Kalyug ka prem ) एक बार एक लड़के ने एक लड़की से कहा “मैं तुम्हें कुछ देना चाहता हूं।” फिर लडकी ने कहा “मुझे कुछ नही चाहिए सिर्फ आप मेरा सम्मान रखना ।” लड़के ने कहा, “देखो तो, बड़े प्यार से लाया हूं यार।” जब लड़की ने देखा कि वो…