
जब जब तेरी याद आए
( Jab jab teri yaad aaye )
जब जब तेरी याद आए, हिचकी आती बार-बार।
नैनों में तस्वीर तुम्हारी, उमड़ घुमड़कर आता प्यार।
सागर की लहरों सा सिंधु, मन में उमड़े हर्ष अपार।
हिचकी पर हिचकी आती, नाम जुबां पर बारंबार।
जब जब तेरी याद आए
कानों में गूंजे सुर तेरे, दिल के सब दरवाजे खोले।
मन की आंखें बार-बार, अधर तेरा ही नाम बोले।
दिल की धड़कने पुकारे, आ जाओ अब की बार।
वीणा के सुरताल सुरीले, आजा तुझको रहे पुकार।
जब जब तेरी याद आए
वो अदाएं तेरे नखरें भी, नैनो को भा जाते हैं।
इन यादों में शाम सवेरे, हम तुझको ही पाते हैं।
खुशियों का हो खजाना, मेरे दिल का हो करार।
उमंगों की बहारें भावन, रंगों का पावन त्यौहार।
जब जब तेरी याद आए
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )