Hindu so Raha Hai

हिन्दू सो रहा है

( Hindu so raha hai ) 

 

करो तुम शान्ति से प्रतिकार,हिन्दू सो रहा है।
भुला करके सभी इतिहास, हिन्दू सो रहा है।

अपने धरम को बाँध कर,अपनी शिखा को काट कर,
मर्यादा सारे त्याग कर….

हिन्दू सो रहा है… हिन्दू सो रहा है…. हिन्दू सो रहा है..

करो तुम शान्ति से आघात, हिन्दू सो रहा है।
जब तक ना निकले प्राण, हिन्दू सो रहा है।

भुला कर पृथ्वीराज की आँख, निर्मम पे कर विश्वास,
विश्वास पर आघात…..

हिन्दू सो रहा है…. हिन्दू सो रहा है… हिन्दू सो रहा है…

भुला गोविंद सिंह का त्याग, हिन्दू सो रहा है।
भूला कर धरम का आधार, हिन्दू सो रहा है।

जौहर की वेदी भूल कर, अस्मित की चूडी छोड कर,
सेकुलर का जामा ओढ कर….

हिन्दू सो रहा है… हिन्दू सो रहा है… हिन्दू सो रहा है..

 

कवि :  शेर सिंह हुंकार

देवरिया ( उत्तर प्रदेश )

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