होली है मुस्कुरा के मिलो | Holi Kavita 2023
होली है मुस्कुरा के मिलो
( Holi hai muskura ke milo )
होली है सब भूला के मुस्कुरा के मिलो
प्यार का मौसम आया फूलों सा खिलो
रंगों की छाई घटा भावन फागुन आया
सरसों लहराई है पीली बसंत हरसाया
सद्भाव प्रेम बरसा रंग लगा के मिलो
होली है सब भूलाके मुस्कुराके मिलो
सुरीले गीतों की लड़ियां बांसुरी तान सुहानी
मोहन आजा प्यारे मीरा अब हो गई दीवानी
प्रेम की प्यारी डगरिया झूम के गाते चलो
होली है सब भुला के मुस्कुरा के मिलो
मतवाली चाल मोरनी सी गोरे गाल सजीले
रंग रसिया मेरे मोहन है कृष्ण छैल छबीले
फागुन आया रंगीला झूमते गाते मिलो
होली है सब भुला के मुस्कुरा के मिलो
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )