जान लेलेगा इंतजार मुझे

जान लेलेगा इंतजार मुझे

जान लेलेगा इंतजार मुझे

 

 

किसने ये कह दिया बीमार मुझे।

जान ले लेगा  इंतजार  मुझे ।।

 

आखिरी हिचकी भी आजायेगी,

देख  न  ऐसे  बार  बार मुझे ‌।।

 

दौलते इश्क तो मिली ही नही,

लोग कहते हैं मालदार  मुझे।।

 

कभी खुद आईने में देखा नहीं,

दूसरों पर  रहा  एतबार मुझे ।।

बेवफ़ाई  तेरी नसल  में रही,

तुमसे शिकवे नहीं है यार मुझे।।

 

दीप सूरज शेष सब कहने के,

अंधेरे लग रहे  दमदार मुझे।।

 

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लेखक: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
प्रा०वि०-बहेरा वि खं-महोली,
जनपद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश।)

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