जन्मदिन उस्ताद का
( Janamdin ustad ka )
है जन्मदिन आज उस्ताद का
पुलकित है अब तो ये मन आत्मा
अब मनायेंगे ऐसे ही हर साल हम
मेरे दिल की तो है इक यही कामना
हाँ रहें ताजादम आप हर इक घड़ी
ये ही है आपके वास्ते जी दुआ
आप पे ख़ुशियों ही बरसात हो बस
हो नहीं दुक्खों आपका सामना
हो हरिक वक्त पूरी हरिक मोड़ पे
जोभी हो मान्यवर आपकी लालसा
हर कठिन राह पर रहवरों की तरह
साथ दे आपका आके हरदम ख़ुदा
राज कोई जफ़ा कर ही पाये नहीं
पायें हरइक जगह आप केवल वफ़ा
ग़ज़लराज
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