सब्ज़ीवाला और नेता | Kahani Sabjiwala aur Neta
हमारी कालोनी की दो औरतें मिसेज़ शर्मा और मिसेज़ वर्मा गली में खड़ी होकर बातें कर रही थीं ।
“…और मिसेज़ शर्मा जी अबकी बार चुनावों में किसे वोट दे रही है ?”- मिसेज़ वर्मा ने पूछा ।
“हम तो अबकी बार भी लल्लु लाल जी को ही वोट देंगे ।”- मिसेज़ शर्मा ने उत्तर दिया ।
मिसेज़ वर्मा ने थोड़ा हैरान होते हुए कहा,
“…परन्तु उन्होंने तो पिछले साल 1 करोड़ की लागत से बनने वाले कम्यूनिटी सेंटर के कागजों में 3 करोड़ रूपए के करीब दिखाए थे ।
और उन पर तो भ्रष्टाचार और अपराध के कई संगीन आरोप भी लग चुके हैं ।
“बहनजी ! आरोप किस नेता पर नहीं लगते ? राजनीति में कोई भी दूध का धुला नहीं होता !…”
श्रीमती शर्मा ने लल्लू लाल जी का बचाव करते हुए कहा ।
“हम तो उन्हें वोट इसलिए भी देंगे क्योंकि वो हमारी बिरादरी के प्रधान भी रह चुके हैं। पिछले साल एक ये ही तो थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने खर्चे पर कालोनी की कब्जे वाली जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया था ।
“पर यह तो गलत बात है ना जी ? ऐसे ही तो पिछले चुनावों में जनता ने बिना-सोचे समझे कई अयोग्य नेताओं को अपनी जात-बिरादरी,धर्म और जान-पहचान के आधार पर ही वोट किया था और आज देख लो देश की क्या हालत हो चुकी है…”-मिसेज़ वर्मा ने उनकी बात को काटते हुए कहा ।
तभी वहाँ से एक सब्ज़ीवाला गुज़रता है । मिसेज़ वर्मा सब्ज़ी लेने के लिए आगे बढ़ती है, परंतु तभी मिसेज़ शर्मा उन्हें रोक देती है और कहती हैं,”रूको बहन, यह सब्जी वाला लोगों को अक्सर ख़राब और बासी सब्जी दे जाता है, इसलिए इससे सब्जी मत लेना ! ”
“पर यह भी तो आपकी जान पहचान का है ना ?…” मिसेज़ वर्मा ने व्यंगपुर्ण शब्दों में कहा।
“हाँ, है ! तभी तो आपको मना कर रही हूँ ।” मिसेज़ शर्मा ने उत्तर दिया।
मिसेज़ वर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा, “ख़राब है तो क्या हुआ ? औरों के मुकाबले सब्ज़ी सस्ती भी तो देता है।”
मिसेज शर्मा ने थोड़ा खीजते हुए कहा,”यह सिर्फ़ एक सब्जी वाला ही तो है !”
“देख बहन जिस तरह से ख़राब सब्ज़ी खाने से हमारे परिवार का स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है उसी तरह से ख़राब नेता चुनने से देश की हैल्थ भी ख़राब हो रही है !…”
मिसेज़ वर्मा के इस कटाक्ष को सुन, मिसेज़ शर्मा मुँह चिढ़ाकर वहाँ से चलती बनी ।