Kalam par kavita
Kalam par kavita

कलम ने जिंदगी आसान कर दी

( Kalam ne zindagi aasan kar di ) 

 

बल जोश जज्बा उमंग भर दी
हिम्मत हौसलों में जान कर दी
चेतना की लौ जला मेरे मन में
कलम ने जिंदगी आसान कर दी

हर आंधी तूफ़ानों से भीड़ जाना
हर बाधा मुश्किलों से टकराना
कवि मन में ऐसी ताकत भर दी
कलम ने जिंदगी आसान कर दी

अंधियारे में नई राह दिखाई
कहां कुआं कहां गहरी खाई
जलती मशाल रोशनी कर दी
कलम ने जिंदगी आसान कर दी

तालमेल शब्द सुधारस बरसाया
दिग्गज हिले फिर बवाल मचाया
अधर लेखनी ने मुस्कान भर दी
कलम ने जिंदगी आसान कर दी

 

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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