करवा चौथ
करवा चौथ

करवा चौथ

( Hindi poem On karwa chauth )

 

चाँद का कर लूं सनम दीदार मैं

प्यार से जो बंधा करवा चौथ है

 

उसकी चूड़ी उसकी देखो बिंदिया

 मुस्कुराती  सूरत करवा चौथ है

 

हो गया दीदार अपनें चाँद का

प्यार का आया वो करवा चौथ है

 

सज गयी है चाँद की  वो चांदनी

हाथों में ही चूड़ी करवा चौथ है

 

चाँद उल्फ़त की मुझपे आज तो

कर गया बरसात करवा चौथ है

 

चांदनी छायी  चेहरे पे चाँद की

माथे पे ही कुमकुम करवा चौथ है

 

ख़ूबसूरत  है चाँद आज़म वो मेरा

है सजी वो दुल्हन करवा चौथ है

 

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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