Kavita andhi daud
Kavita andhi daud

अंधी दौड़

( Andhi daud )

 

नशा और उन्माद
यह सर्द रात
कैसा दौर आज
नशा और उन्माद
संस्कृति का विनाश

प्रश्न पूछने पर
बड़े बेतुके जवाब
चुप रह जाते आप
बिगड़ रहा समाज

अंधी दौड़
कैसी भागमभाग
बेकाबू गाड़ियां
बेखौफ सवार

अंधकार चहु ओर
नीरसता सन्नाटा
मौत का तांडव
कहीं कोई दिखाता

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

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