हमारा पर्यावरण | Kavita Hamara Paryavaran
हमारा पर्यावरण
( Hamara Paryavaran )
मान रखो पर्यावरण का,
करो प्रण वृक्षारोपण का,
तभी प्रकृति मुस्काएगी,
जीवन मे खुशियाॅ लाएगी,
पेंड़ पौधे फल फूल क्यारियों से,
वन बाग उपवन वाटिका विभूषित हो,
नदी झरने ताल समुन्दर स्वच्छ हो,
हमारा पर्यावरण दूषित न हो,
स्वच्छ साफ धरा रहे,
कानन हरा भरा रहें,
पर्वत प्रहार से बॅचा रहे,
नदियों की कलकल बनी रहे,
ऐसा संभव है तभी जब,
प्रकृति संग तालमेल बना रहे।
रचना: आभा गुप्ता
इंदौर (म.प्र.)