Badalni Chahiye
Badalni Chahiye

बदलनी चाहिए

( Badalni chahiye )

 

आज उनकी ये नज़र हम पर फिसलनी चाहिए
ख़्वाब सी चाहत हमारी दिल में पलनी चाहिए ।

कौन सा ये मर्ज़ आख़िर इश्क का हमको लगा
सुन लो चारागर मुसीबत अब ये टलनी चाहिए।

बाद अरसे के मिले वो आज़ हम से प्यार से
बर्फ़ सी मेरी उदासी अब पिघलनी चाहिए।

क्या भला ये दिल हमारा तोड़ने की चीज़ है
क्या नज़र ये आपकी ऐसे बदलनी चाहिए।

आज़ आए बज़्म में वो रौशनी है हर तरफ़
एक शम्मा प्यार की भी आज़ जलनी चाहिए।

मुश्किलों की रात बेशक है बहुत लंबी मगर
अब यही कोशिश रहे ये रात ढलनी चाहिए।

इस कदर मायूस होके ज़िन्दगी चलती नहीं
दिल के दरिया में नई ख़्वाहिश मचलनी चाहिए।

हो गये हैं दिन बहुत उनके लिए रोते हुए
आह उनके भी ज़िगर से अब निकलनी चाहिए।

हिज़्र की मुश्किल घड़ी या वस्ल की सौगात हो
ज़िंदगी लेकिन नयन हर वक्त चलनी चाहिए।

 

सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया  ( उत्तर प्रदेश )

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