20+ Motivational Poem in Hindi मोटिवेशनल कविता हिंदी में
यह मूल और विशेषज्ञ कवियों द्वारा लिखित हिंदी में सर्वश्रेष्ठ प्रेरक तथा प्रेरणादायक कविताओं (motivational poem in Hindi) का संग्रह है। ये कविताएँ हमें जीवन के एक अलग दृष्टिकोण को देखने में मदद करेंगी चाहे आप एक छात्र हों, व्यवसायी हों, या सिर्फ एक साधारण इंसान हों।
इस आधुनिक दुनिया में जहां बहुत सारी समस्याएं और संघर्ष हैं, उदास होना बहुत आसान है। क्या आप कभी सुबह उठते ऐसा महसूस किया है कि बिना कुछ किए बस वहीं बैठे रहे? क्या आपने कभी अपने स्कूल या नौकरी पर बैठकर इंतजार किया कि दिन खत्म हो जाए?
क्या आपने कभी कामना की है कि आप इतने प्रेरित और अनुशासित हों कि नियमित रूप से काम करना जारी रखें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें? खैर, ये प्रेरणादायक कविताएँ आपको उस लक्ष्य के एक कदम और करीब लाने में मदद करेंगी।
इसके अलावा, ये मोटिवेशनल कविताएँ हमें सिखाएँगी कि हमें सफलता और असफलता को समान रूप से क्यों समझना चाहिए। ये छंद कवि के विचारों से संबंधित और आपकी छिपी क्षमता को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त बहुमुखी हैं।
इसके अलावा, ये Motivational Kavita in Hindi विभिन्न क्षेत्रों के बारे में आपके ज्ञान को बढ़ाने और कम समय में कुछ नया सीखने के लिए सर्वोत्तम हैं। आगे बढ़ने से पहले, हम उन सभी कवियों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इन कविताओं को लिखने में योगदान दिया।
लक्ष्यभेद : Kavita Hindi Motivational
( Lakshyabhed )
चाहते हो नाम हो दिनकर
तो सूरज जैसे तपना होगा
रात भले हो अंधियारी चाहे
दीप की लौ सा जलना होगा..
चाहोगे यदि खास बनूं तो
काम विशेष ही करना होगा
पहचान अलग रखनी है तो
संघर्ष भी तुम्हे ही करना होगा….
हरियाली के इस गुलशन मे
कांटे भी तुम्हे बहुत मिलेंगे
मोड़ के आगे होगी खंदक भी
ऊबड़ खाबड़ बहुत मिलेंगे…
आश्वासन देने वाले होंगे बहुतेरे
समय पड़े पर सब तुमसे दूर रहेंगे
समझ, बल ,बुद्धि ,विवेक,और
संयम, पांच ही बस तेरे साथ रहेंगे….
साथ यही है सबके होता आया
तुम भी तो इनसे अलग नही हो
बढ़ो दृढ़ संकल्प और लक्ष्य के साथ
लक्ष्यभेद से कभी तुम दूर नही हो…
( मुंबई )
Motivational Poem in Hindi – हताश न हो दोस्तों
( Hatash Na Ho Doston )
कुछ कर गुजरने की तमन्ना
जो तेरे दिल में नहीं,
जो जल रही थी आग उर में
बुझ तो नहीं गई कहीं?
देखूं जरा,
समझूं जरा;
कुछ तो हुआ है ऐसा बड़ा?
जब जोर तू लगाओगे नहीं,
पिछड़कर, बिखरकर , बेनूर हो
बेरंग बेगैरत फिरोगे ,
बोलो खुद ही,क्या यह सही नहीं?
कैसे नजरें मिलाओगे?
क्या मुंह दिखाओगे?
कैसे करोगे सामना ? भविष्य से!
क्या नई पीढ़ी को दे जाओगे?
नाकामी,नकारापन !
या आसमां छूने की ललक,
जिसे देख सीखें सब सबक;
देख ऐसे तू न बहक!
संभाल खुद को,
हताशा से निकाल खुद को।
खुदा साथ देगा…
वरना स्वयं मरोगे,
सबको मारोगे।
देश को भी होगी मुश्किल,
छवि धरा पर होगी धूमिल;
मेरी बात सुन-
पुनः पुष्प सा तू खिल।
बोल क्या करूं तेरे लिए?
संभालूं कैसे तुझे?
जो आग थी उर में तेरे, जलाऊं कैसे?
टिमटिमाते दीए को भभकाऊं कैसै?
बोल सखी सन्मार्ग पर तुझे ले आऊं कैसे?
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर, सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
हिंदी में प्रेरक कविता – वक्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया
( Waqt tumne mujhe yun jhuka to liya )
वक्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया,
हौसलों को मेरे न डिगा पाओगे।।
पंख काटे हैं तुमने बेशक मेरे,
पर गगन को न मुझसे बचा पाओगे।।
मैं हूँ चंचल सा जल, रुक न पाऊँ कहीं
कैसे कह दूँ कि मंजिल को पाऊँ नहीं
मैं गिरूँगा तेरी ठोकरों से मगर,
सोचना मत कि उठ न पाऊँ कहीं
चाहे काँटे लगा लो चाहुँओर तुम,
फूल खुशियाँ मेरी न छुपा पाओगे।
वक्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया,
हौसलों को मेरे न डिगा पाओगे।।
आज मीठे हो तुम,और खारा हूँ मैं
है अंधेरा बहुत, बेसहारा हूँ मैं
अपने रण की तो ये, शुरूआत है
तुम न जीते अभी, न ही हारा हूँ मैं
तुमने छिनी है मुझसे महफ़िल भले,
गीत मेरे न मुझसे चुरा पाओगे।
वक्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया,
हौसलों को मेरे न डिगा पाओगे।।
कवि : भोले प्रसाद नेमा “चंचल”, हर्रई, छिंदवाड़ा, ( मध्य प्रदेश )
Motivational Hindi Poems – मंजिल
( Manzil )
लक्ष्य साध कर चलने वाले मंजिलों के पार हुए।
मिल गई सफलता उन्हें विजय वही हर बार हुए।
मंजिलों की ओर बढ़ते विघ्न बाधाओं को चूमकर।
हौसलों की भरते उड़ाने अपनी मस्ती में झूमकर।
मंजिलें भी है वहीं पर रास्ते भी अपनी जगह।
चल पड़ा मुसाफिर मुकाम की होकर वजह।
आंधी तूफानों को सहकर अनवरत चलता जाता।
दुर्गम पथ पथरीली राहे धीरज मंत्र पढ़ता जाता।
धीर वीर सफर में आगे कीर्तिमान गढ़ जाते वो।
विजय पताका जग लहराये मंजिलों को पाते वो।
मंजिलें भी मिलती उन्हे मेहनत जिनका गहना है।
सत्य शील आभूषण संस्कारों का अंबर पहना है।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन, नवलगढ़ जिला झुंझुनू ( राजस्थान)
Self Motivation Poem in Hindi – जीत की आदत बनाना
( Jeet ki aadat banana : Motivational Kavita )
हौसलों की भरो उड़ाने,
उर अटल विश्वास भर लो।
हर आंधी तूफानों को,
चीर मंजिल पार कर लो।
जय पा मद में हो अंधा,
मत किसी का दिल दुखाना।
प्रेम के मोती लुटाकर,
जीत की आदत बनाना।
कर्म पथ पर जब चलेंगे,
मुश्किलों के मेघ मिलेंगे।
आशाओं के दीप जला,
कलम उजियारा करेंगे।
विचलित ना हमको होना,
मंजिल तक बढ़ते जाना।
अटल इरादे बुलंद रख,
जीत की आदत बनाना।
लक्ष्य साधकर सदा हमको,
मंजिल तक बढ़ते जाना।
पार्थ बन सजग हो जाए,
साधना बस एक निशाना।
मेहनत रंग लायेगी,
लगन से ना जी चुराना।
बुलंदियां मिल जाएगी,
जीत की आदत बनाना।
कड़ी लगन परिश्रम कर,
सफलता पाना होता है।
बड़ी बुलंदियां मिलती,
एक स्वप्न सजाना होता है।
जग हो जाएगा कायल,
कुछ करके दिखलाना।
बाधाएं सहकर सारी,
जीत की आदत बनाना।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
Motivational Kavita in Hindi – ऊंची उड़ान
उच्च विचार अंतर्मन दौड़े, ऊंची उड़ान।
प्रगति पथ पर बढ़ चले, उन्नति के सोपान।
स्वप्न सुनहरे सच हो, चले विकास की लहर।
सुविधाओं से संपन्न हो, हर गांव हर शहर।
शिक्षा का सूरज दमके, निर्माण हो भरपूर।
चहुमुखी विकास करें, हो हर शख्स मशहूर।
निखर निखर प्रतिभाएं, निखारे आवरण सारा।
कला कौशल कुशलता, की बहती विकास धारा।
सद्भाव प्रेम उर भरकर, चले विकास की ओर।
नवसृजन नव संस्कार से, नवजीवन की भोर
मुदित मन हर्षित हृदय, आनंद के पल हो प्यारे।
उन्नति शिखर नभ को छुए, प्रगति पथ उजियारे।
कवि : रमाकांत सोनी
Hindi Poem Inspiration – नई राह
उत्साह उमंगे जीवन में, जीने की राह दिखाते है।
मेहनत लगन मानव की, नित राहें नई बनाते है।
जीवन सफर में, डगर डगर पर, चलते जाना है।
नई राहें रस्ता देखे, हे पथिक कहां ठिकाना है
उर में विश्वास भरकर, घट में आशाएं धरकर।
विषम राहों पर बढ़ते जाना, राही तूफान बनकर।
उन्नत विचारों वाले ही, सदा राहें नई बनाते हैं।
शील गुणों से संपन्न ही,ऊंचाइयों तक जाते हैं।
खुशियां बांटते राहों में, हौसलों जज्बा वाले।
लगन मेहनत से जगत में, मंजिले पाते मतवाले।
हर आंधी तूफानों को, जो अंगारों पर चलते हैं।
बाधाएं नतमस्तक होती, जो राह नई निकलते हैं।
कवि: रमाकांत सोनी
प्रेरणादायक कविताएं – बुलंद हौंसले
(Buland hausle)
पगपग लड़कर हिम्मत से जो करता मुकाबला
मुश्किल भी राह बदलती गर हौसला दिखाता
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये कभी आप
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता जनाब
कैसी कठिन डगर हो कैसा भी हो रास्ता
सफर मुश्किल भरा नित नये रंग दिखाता
प्रतिज्ञा मन में ठान जुटाकर सारी हिम्मत
संघर्षों से हो जाते पार गहरे नदी समन्दर
कभी जो प्रण राह में डगमगाने लग जाए
अद्भुत इच्छाशक्ति से राह सुगम हो पाए
हार शब्द को दे तिलांजली जीत को अपनाये
दृढ़ संकल्प से हर यात्रा अनवरत चलती जाये
मानव मन की अनुभूति हौसलो की उडान है
सघर्षो को पार छिटकना सत्य की पहचान है
इसी अद्भुत उडान को नाम जिन्दंगी देती है
अडिग इरादे विश्व धरा को अंक में भर लेती है
हे मानव हे विश्व विजेता तुमको नमन प्रणाम है
गौरव की रफ्तार से धरती अम्बर खुशहाल है
गगन चूमती सतत प्रतीज्ञा अविरल बहाव है
चलना गिरना संभलना ही हौसलों की उड़ान है
कवि: डॉ. अलका अरोड़ा, “लेखिका एवं थिएटर आर्टिस्ट”, प्रोफेसर – बी एफ आई टी देहरादून
मोटिवेशनल कविता – बन सको तो बनो
(Ban sako to bano)
बन सको तो बनो चांद आकाश के,
सूर्य के हेतु प्रिय मत बनो तुम ग्रहण।
प्रभु ने निर्मल हृदय सिर्फ तुमको दिया,
दे के कंचन सी काया भुवन दे दिया।
और कहा नेह अंबुधि जगत सार है,
प्रेम के रस में भीगा ये संसार है।
द्वेष से क्यूं लगाते जहां में अगन।
बन सको तो बनो चांद आकाश के,
सूर्य के हेतु प्रिय मत बनो तुम ग्रहण।
पुष्प से रंग जीवन में सबके भरो,
दुःख में जन जन के घावों का मरहम बनो,
सूर्य से तुल्यता का ले आशीष तुम,
आए जग में हरो जीव की पीर तुम।
उनके उपहास में तुम रहो न मगन।
बन सको तो बनो चांद आकाश के,
सूर्य के हेतु प्रिय मत बनो तुम ग्रहण।
फूल फूल चमन झर गए एक दिन,
प्रात का सूर्य छिपने चला है गगन,
श्रेष्ठ जग में वही कर्म करता रहे,
स्वयं की सांस में आस भरता रहे।
स्वार्थ के कार्य में तुम रहो न मगन।
बन सको तो बनो चांद आकाश के,
सूर्य के हेतु प्रिय मत बनो तुम ग्रहण।
रचना – सीमा मिश्रा ( शिक्षिका व कवयित्री ), स्वतंत्र लेखिका व स्तंभकार, उ.प्रा. वि.काजीखेड़ा, खजुहा, फतेहपुर
संघर्ष हौसला पर कविता – जीत
जीत सको तो दिल जीतो जग के प्यारे हो जाओगे
प्यार के मोती लुटा जगत में प्रेम रतन धन पाओगे
जीवन संघर्ष महासमर में हिम्मत हौसला धीर धरो
कर्म पथ पर वीर योद्धा बढ़ पराक्रमी संधान करो
अटल इरादे सही सोचे रणनीति तय करनी होगी
चूक जरा सी होगी तो खामियां भी भरनी होगी
सत्य सदा विजयी होता झूठ हमेशा हार जाता
सच्चाई के पथ चलने वाला मंजिलों को पा जाता
रणनीति राजनीति में शह मात सिखाई जाती है
बड़े-बड़े प्रलोभन और चकाचौंध दिखाई जाती है
जीवन के अनुभव ही असली युद्ध सिखलाते हैं
फौलादी सीना जिनका रणधीर जीत वो जाते हैं
कवि: रमाकांत सोनी
प्रेरणादायक हिन्दी कविताएँ – कभी ना होना उदास
( Kabhi Na Hona Udaas)
कभी ना होना उदास
निराश ना गुमसुम
प्रगति वर्ष पर
प्रवेश कर रही हो तुम
मिलेगी राह में कई दीवारें
चुनौतियाँ और मझधारें
हिम्मत ना हारना हौसला रखना
अगर गिर जाए सारी पतवारें
होगी परीक्षा भी समीक्षा भी
और चलेगा
तुम्हारी चर्चाओं का दौर भी
तब मजा आएगा लिखने का
पढ़ने का कुछ और भी
लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ
साहित्य तुम
पत्रकारिता का आधार हो
नित्य नूतन चिर पुरातन
पाठकों का प्यारा संसार हो
कवि :विशाल शुक्ल, पातालेश्वर मार्ग, छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
Motivational Poem in Hindi For Success – आशा
( Aasha )
राही गा आशा के गीत
पथ पर बढ़ता जा मेरे मीत
आंधी तूफान मुश्किल आती
कुदरत की है रीत
राही गा आशा के गीत
जीवन एक संघर्ष प्यारे
कौशल से रण जीत
प्यार लुटाता जा दुनिया में
बांट प्रेम रस प्रीत
गीत सुहाने नए तराने
रचो कोई नवगीत
राही गा आशा के गीत
हर अंधियारा भोर लाता
धर धीरज मेरे मीत
काली रात अमावस वाली
करें मन को भयभीत
जुटा हौसला हृदय भाई
सुनो सांसो का संगीत
राही गा आशा के गीत
संकट समय निकल जाएगा
बुरा वक्त जाएगा बीत
आशा और विश्वास अगर है
सब जंग जाएंगे जीत
राही गा आशा के गीत
कवि : रमाकांत सोनी
Student Motivational Poem in Hindi – प्रेरणा
(Prerna)
प्रेरणा वह शब्द, जो जड़ को भी चेतन बना दे।
प्रेरित करे तो, हिमशिखर चुंबित करा दे।
प्रेरणा वह शक्ति , मिट्टी को बदल दे स्वर्ण में।
वह भक्ति, पत्थर को भी देवालय बना दे।
प्रेरणा वह गीत, सुन कायर भी शूरवीर बनता।
वह प्रकाश, प्राची दिशा से फूट पड़ता।
प्रेरणा वह लेखनी, सरिता बहा जो ज्ञान की दे।
वह चांदनी, तापित हृदय को शान्त कर दे।
प्रेरणा सन्देश, कृष्णा ने दिया अर्जुन को था जो।
वह रक्त, दुश्मन को मिला दे धूल में जो।
प्रेरणा वह कीर्ति, जो सारे जहां में फैल जाए।
वह स्फूर्ति, जीवन से नई रचना कराए ।
प्रेरणा वह छंद, जिसमे कोकिला की मिठास हो।
वह मकरंद, जिसमे सुरभि का आभास हो।
प्रेरणा उद्गार, बहता है सरल कोमल हृदय में।
वह मल्हार, सावन लाए जो उजड़े चमन में।
प्रेरणा वह गुरु, जो सफलता में हो सहायक ।
वह उपहार, जीवन गति पकड़े आक्रामक।।
रचना – सीमा मिश्रा ( शिक्षिका व कवयित्री )
Short Motivational Poems in Hindi – सपनो के लिये
(Sapno ke liye : Kavita)
हम अपने हर सपनों को सच कर सकते हैं,
चाहे वह चांद पर जाना हो या हो कोई भी लक्ष्य ।
बस ‘इच्छा’ हो ‘सनक’ हो, एक ‘जुनून’ मन मे हो,
एक ऐसी ललक हो जो कभी कम न हो ।
सपनो को सच करने के लिए, इस पर
पूरी तरह समर्पित हो हम, पूरी तरह,
अपनी पूरी ताकत लगा दे इसमें
हर सम्भव कोशिश करे सपने सच करने की,
मन मे एट पल एक ‘जुनून’ हो इसे पाने का
अपने सपनो पर विश्वास हो, यकीन खुद पर हो,
तब असफलता या ऐसी कोई भी रुकावट
न तो हमें तोड़ पाएगी, न हमारे विश्वास को,
फिर सफल हो, हम अपने सपनों को जिएंगे ।।
लेखिका: अर्चना
Best Motivational Poem in Hindi – जीत हमारी ही होगी
( Jeet Hamari Hi Hogi )
दुश्मन जबर हो गया अब,
भीषण तैयारी भी होगी ।
हम सारे रणयोद्धा रण में,
जीत हमारी ही होगी।
अस्त्र हौसला शस्त्र धीरज
सादगी विनय कौशल हथियार
घर पर रहे सब को संभाले
मास्क रखे संग सुविचार
थोड़ी समझदारी हमारी
दुश्मन पर भारी भी होगी
जीवन की जंग में आखिर
जीत हमारी ही होगी
एक अटल सैनिक सा हमको
हर नियम अपनाना है
गाइडलाइन लॉक डाउन का
पालन कर शत्रु भगाना है
देशभक्ति की धारा में
वतन परस्ती भारी ही होगी
शौर्य पराक्रम साहस भर लो
जीत हमारी ही होगी
हड़ताल धरना अब नहीं
घर रहकर बचाना सबको
कोई भामाशाह आकर
घर घर भोजन दें सबको
महा समर में साहस की
घट घट खुमारी ही होगी
दो गज दूरी रख कर भी
जीत हमारी ही होगी
बाजार बंद है तो क्या
दिलों के दरवाजे खुले हुए
केसरिया बाना पहने हम
भाव अपनेपन घुले हुए
हर दुख दर्द हर पीड़ा को
सहना दुश्वारी ही होगी
संग्राम हमें संभलकर लड़ना
जीत हमारी ही होगी
कवि : रमाकांत सोनी
Famous Motivational Poems in Hindi – आस का दीप जलाना
(Aas ka deep jalana)
मत होना हताश कभी,
आस का दीप जलाना,
हिम्मत होसला उर में,
भर साहस दिखलाना।
जरा अपना रखो खयाल,
मास्क रख मुंह पर भाई,
मानवता का धर्म हमारा,
करो लोगों की भलाई।
संकट का यह समय तो,
सबक कुछ दे जाएगा,
आदमी के काम जगत में,
खुद आदमी ही आएगा।
मानव होकर मानवता का,
परिचय जरा दिखलाना,
भूखे को भोजन पानी दे,
मरीजों के प्राण बचाना।
गाइडलाइन का पालन करें
नियम मिले सरकारी को
सच्चे रण योद्धा बनकर
अलविदा कहे महामारी को
कवि: रमाकांत सोनी
लक्ष्य का संधान कर
( Lakshya ka sandhan kar )
अटल इरादे उर में भरकर
आशा और विश्वास धरकर
संघर्षों में पलना होगा
तूफानों में चलना होगा
विकट समय की चुनौतियों का
मानव जरा अनुमान कर
मानवता की खातिर बढ़कर
नर लक्ष्य का संधान कर
यज्ञ हवन आहुति कर दो
घट घट आस्था प्रेम भरी दो
सद्भावों का लहरा परचम
घर घर में खुशहाली कर दो
वक्त को नया मोड़ देने को
अपनापन का भान कर
भाईचारा घर-घर फैलाकर
नर लक्ष्य का संधान कर
बीमारी महामारी फैली
महंगाई लाचारी फैली
भ्रष्टाचारी भारी फैली
आतंक की खुमारी फैली
कोहराम मिटाने जग का
जन मन में हौसला भर
जीवन की जंग जीतने को
नर लक्ष्य का संधान कर
कवि: रमाकांत सोनी
नवीन आशाएं – Motivational Poem in Hindi
(Naveen Aashayein)
बनो चांद तुम नील गगन के,
दिनकर के हित ग्रहण न बनना।
पुष्प बनो वीरों के पथ के,
कांटे बन पग में मत चुभना।।
हो इंसान, हृदय के स्वामी,
मर्म व्यथा इंसान की समझो।।
मानस। पुत्र विधाता के हो,
वसुधा हित अभिशाप न बनना।।
दया दृष्टि रखो जन जन पर तुम,
निर्दय बनके प्रहार न करना।।
ताप हरो शीतल जल बनके,
जल विप्लव से विनाश न करना।।
आज जरूरत इस धरती को,
मानव की भगवान न बनना।।
पाप कर्म में डूबा जग यह,
बनो प्रकाश तमस न बनना।।
अपनों को अपने भूलें है,
रिश्तों हित तलवार न बनना।।
राह भटक रही प्रकृति यहां पर,
तुम मन का भटकाव न करना।।
लक्ष्य नियत करो केवल ख़ुद का,
दूजो हित दृष्टांत तुम बनना।।
रचना – सीमा मिश्रा
Motivational Haar Jeet Poem in Hindi (जीत – हार और खुशी)
(Jeet haar aur khushi)
वह जीत ही क्या जब तक हार न मिले
वह खुशी ही क्या जब तक दुख न मिले ।
वो होंठों की हँसी ही क्या है
जबतक चेहरे की नमी न दिखे ।
जीत, खुशी, हँसी तब दुगनी हो जाती है जब
दुख और हार का सामना जिंदगी में हो जाता हैं ।
हार ही हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं
दुख सह के ही खुशियों से झोली बाद में भरती है ।
जिस प्रकार रात के बाद दिन एक सुहाना पल
लगता है, हर सुबह उमंग से बाहर जाती है ।
इसी तरह जब हम कुछ पाना चाहते हैं
और उसे पाने में नाकाम अगर हो जाते हैं तो ।
नींद-चैन त्याग दिल दिमाग़ सब कुछ अपने
सपनों को पाने में लगा देते हैं ।
उसके बाद जब हमें सफलता मिलती हैं
वह खुशी पहले से भी दुगनी लगती है ।
लेखिका – के. फातिमा (रिसर्च स्कॉलर, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी)
Motivational Poem Hindi – छूना है आसमां को
(Chhoona Hai Aasmaan)
जमीन पर पैर रखकर ।
जाना है बुलंदियों पे,
नीव जमी से बना कर ।
उड़ना है आसमां में,
जुनून के पंख और
जज्बे की उड़ान के साथ
ना थकना है, ना रुकना है,
ना टूटना है, ना झुकना है ।
अब बस आगे बढ़ना है !
पाना है मंजिल को,
जीना है ख्वाबों को,
छूना है आसमान को ।।
लेखिका : अर्चना
भय के आगे जीत है – रमाकांत सोनी
(Bhay ke aage jeet hai)
हिम्मत हौसला बुलंद हो जोश जज्बा भरपूर।
मंजिलों की लगन हो सफलता मिलती जरूर।
कड़ी मेहनत ठोस इरादे मन में जिनके प्रीत है।
बढ़ते रहो पथ में पथिक भय के आगे जीत है।
लक्ष्य साध लो मानव सपना सुनहरा सजाकर।
तूफानों का करे मुकाबला थोड़ा धीरज धरकर।
आंधियों में पलने वाले संघर्ष जिनका गीत है।
कदमों में खुशियां बरसे भय के आगे जीत है।
हालातों से हार मानकर लड़ने से घबराते हैं।
जीवन में दुखों को भोगे पीछे वो रह जाते हैं।
साहसी सदा सुखी रहता वक्त की यही रीत है।
प्रगति पाते हिम्मत वाले भय के आगे जीत है।
बल बुद्धि से बढ़ने वाले तूफानों से लड़ने वाले।
धीर वीर बलवान बने उच्च शिखर चढ़ने वाले।
अपनापन अनमोल लुटाए पाता वहीं मनमीत है।
कीर्ति पताका वैभव बरसते भय के आगे जीत है।
रचनाकार: रमाकांत सोनी सुदर्शन
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे यह संग्रह best motivational poem in Hindi को पढ़ने में मज़ा आया होगा। कृपया याद रखें कि, यदि आपको इस तरह की और सामग्री की आवश्यकता है, तो हमारी वेबसाइट पर हजारों अन्य कविताएँ प्रकाशित हैं। मोटिवेशन के लिए बस एक कदम जरूरी है। इन छवियों और कविताओं को अपने दोस्तों के साथ साझा करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।
यह भी पढ़ें :