
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा
( Hare ka sahara baba shyam hamara )
हारे का हो आप सहारा ऐसा बाबा श्याम हमारा,
लगता है जो प्यारा प्यारा एक तेरा ही है सहारा।
बिना माॅंगे ही दे देता है जो कोई आता तेरे द्वारा,
सोया भाग्य जगा देता और बन जाता है सहारा।।
यह पाण्डु पुत्र भीम का महाशक्तिशाली पौत्र था,
बचपन में बर्बरीक एवं खाटूश्याम कहलाया था।
यें महाबली घटोत्कच व अहिलावती का पुत्र था,
श्री कृष्ण से खाटू श्याम नाम जिन्होंने पाया था।।
कर दिया था बर्बरीक ने श्री कृष्ण को शीश दान,
इसके बाद दिया वासुदेव ने खाटूश्याम का नाम।
२४ एकादशी व्रत करनें से मिलता है शुभ-लाभ,
राजस्थान के सीकर जिले में है आपका यें धाम।।
इस कलयुग मे कहलाते श्री कृष्ण अवतार आप,
महाभारत का युद्ध देखा कटे हुए शीश से आप।
लाखों की संख्या में आतें आपके श्रृद्धालु आज,
दूध-खीर एवं चूरमा भोग मावा-पेड़ा खाते आप।।
लेकर आतें जो भी लोग दुःख-दर्द बाबा के पास,
हॅंसते हॅंसते जातें है श्याम किसे न करतें निराश।
जो करता है रक्तदान अंगदान श्रमदान क्षमादान,
रहता सदा ही बाबा का आशीर्वाद उनको ख़ास।।