Kavita pujya pitar
Kavita pujya pitar

पुज्य पितर

( Pujya pitar )

 

हे पूज्य पितर देव हमारे कृपा दृष्टि बरसा देना
फुलवारी पूर्वज आपकी वरदानों से हरसा देना
तुम बसे हो यादों में चित में नित्य समाए हो
जीवन की प्रचंड धूप में आशीषों के साए हो
तुम बगिया को महकाये हो

 

हे देव पितृलोक में रह जीवन में पुष्प खिला देना
सुख आनंद बरसाकर घर उपवन को महका देना
वंदनीय हो पूजनीय हो आप कुल श्रेष्ठ सितारे हो
दिव्य ज्योति उजियारा कर पूर्वज आप हमारे हो
तुम बगिया को महकाये हो

 

स्मृतियों में रग-रग में भावों में बसने वाले हो
यश वैभव कीर्ति दाता आप ही रखवाले हो
स्वर्ग निवास करके भी ज्योति पुंज आये हो
आदर्श हो देव हमारे संस्कार हमें सिखाये हो
तुम बगिया को महकाये हो

 

?

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

अब बहारों से भी डर लगता है | Poem ab baharon se bhi dar lagta hai

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here