Kavita rang
Kavita rang

रंग

( Rang )

 

रंगो की समझ हो तो तस्वीर बना दो।
छंदो की समझ हो तो फिर गीत बना दो।
जज्बात मे लहर हो तो प्यार तू कर ले,
जो कुछ नही आता तो दिवाना बना दो।

 

दिल पे तुम्हारी चाहतो के जो निशान है।
वो घाव बडे गहरे है और लाइलाज है।
हम पूछ रहे तुमसे ये की क्या मेरी खता,
क्यो प्यार तेरा लग रहा कुछ दागदार है।

 

आँखो मे प्यार हो तो आँखो से बता दो।
रंगीन लबों को मेरे होठों से मिला दो।
हुंकार का असर हो तो शेर से आ मिल,
दुनिया की सारी बातें तू दिल से भुला दो।

 

रंगों की समझ हो तो तस्वीर बना दो।
छंदो की समझ हो तो फिर गीत बना दो।
भावों की समझ हो तो मोती मे पिरोना,
उस मोती की माला से दुनिया को सजा दो।

 

✍?

कवि :  शेर सिंह हुंकार

देवरिया ( उत्तर प्रदेश )

??
शेर सिंह हुंकार जी की आवाज़ में ये कविता सुनने के लिए ऊपर के लिंक को क्लिक करे

यह भी पढ़ें : –

विरह | Virah ke geet

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here