सारा आकाश हमारा है
( Sara akash hamara hai )
उत्साह उमंगे उर भर लो सुंदर सारा नजारा है
साहस भरकर देख लो सारा आकाश हमारा है
बुलंदियों की ओर बढ़ो हौसलों के साथ चलो
लक्ष्य साध लो जीवन में तूफानों के संग पलो
संघर्षों से ही मंजिल का मिलता हमें किनारा है
मंझधारो की बातें छोड़ो सारा आकाश हमारा है
कर्मवीर ही बढ़ते पथ में बाधाओं को पार करें
साकार सभी स्वप्न होते बढ़कर बेड़ा पार करे
मेहनत ही भाग्य दमकाये कर्मों का सितारा है
प्यार के मोती लुटाओ सारा आकाश हमारा है
प्रगति पथ पे व्योम तलक कीर्ति ध्वज लहराना है
हौसलों की भर उड़ाने जीवन में बस मुस्काना है
आचरणों में शील गुणों का प्रेम की बहती धारा है
खुशियों के दीप जलाओ सारा आकाश हमारा है
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )