
मुझे हक है
( Mujhe Haq Hai )
दिल के सारे राज जानूं कैसी दिल की धड़कन है।
मनमंदिर में पूजन कर लूं दीपक ले मेरा मन है।
सुबह शाम जब देखूं दिल में होती धक धक है।
तेरा प्रेम मेरी जिंदगी है प्रियतम मेरे मुझे हक है।
डगर डगर पे तेरे संग में चमन महकते पाया है।
हर आंधी तूफानों को भी हमने मात दिखाया है।
रोशन हर कोना कोना सलोने प्रेम से चकाचक है।
तेरा प्रेम मेरी जिंदगी है प्रियतम मेरे मुझे हक है।
सरिता सी बहती धारा सींच दिया फुलवारी को।
रिश्तो नातो को निभाया घर की केसर क्यारी को।
बेचैनी सी हो जाती तलक ना देखूं एक झलक है।
तेरी सांसो में मेरा ठिकाना सनम मेरे मुझे हक है।
बैठी तेरी राह निहारु दिलवाले मैं तुझे पुकारू।
गूंज उठती वादियां आजा प्यारे तुझे निहारू।
तेरी धड़कन से मेरा प्यारा रिश्ता सांस तलक है।
तुझ संग जुड़ी प्रेम कहानी जान लूं मुझे हक है।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )