शबरी के प्रभु राम
( Shabri Ke Prabhu Ram )
दीनबंधु दुखहर्ता राम अब वन को चले अभिराम
सबके संकट हरने वाले भजो शबरी के प्रभु राम
भक्तवत्सल रामचंद्र प्रभु दयानिधि दया के सागर
मंझधार में अटकी नैया पार लगाते करूणाकर
रोम रोम में राम बसे घट घट में बसे जय श्रीराम
रामनाम में शक्ति समाई भजो शबरी के प्रभु राम
चख चख बेर रामजी को शबरी ने खूब खिलाए
जीवन बिता राम-राम में प्रभु राम के दर्शन पाए
भक्तों के प्रतिपालक प्रभु दशरथ नंदन राजाराम
कौशल्या के राजदुलारे भजो शबरी के प्रभु राम
कब आएंगे राम हमारे शबरी पथ में फूल बिछाए
नयन बिछाए राह निहारें नित रामनाम गुण गाए
राम राम के संकीर्तन से सुगम हुआ सब हरिनाम
सकल चराचर के रक्षक भजो शबरी के प्रभु राम
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )