Shayari 2 Line Attitude

Shayari 2 Line Attitude 

( शायरी 2 लाइन ऐटिटूड ) 

वो चाय आज भी बरसों से याद है साग़र
किसी की बातों ने उसमें मिठास घोली थी

विनय साग़र जायसवाल, बरेली

 

 

जिस पर हम अपने दिल के सभी राज़ खोल दें
इतना भरोसेमंद ख़ुदारा कोई तो हो

Shayari 2 Line Attitude

बुलंदी से उतर जाऊंगा मैं भी
है तेरी भूल डर जाऊंगा मैं भी

तू जिसे दोस्त समझ कर बड़ा इतराता है
वो तेरी राह की दीवार भी हो सकता है

मुझ पर किसी निगाह का जादू न चल सका
हुस्नो अदा के जाल में फसता नहीं हूं मैं

 

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