कोई बात नहीं | Koi Baat Nahi
कोई बात नहीं
( Koi Baat Nahi )
दिल दुखाने की कोई बात नहीं
दुख न जिसमें हों वो हयात नहीं
उनका जाना तो कोई बात नहीं
ऐसा लगता है कायनात नहीं
दिल इसी बात से परेशाँ है
एक उसकी ही इल्तिफ़ात नहीं
उसने दीवाना कर दिया इतना
याद अब कोई हादसात नहीं
चाँद तारे भी तुझको दे देता
क्या करूँ मेरे बस की बात नहीं
यह ज़माना जिन्हें भुला भी चुका
हम ही भूले वो वाक़्यात नहीं
ऐसी सूरत में क्या करें साग़र
तन्हा कटती है हमसे रात नहीं
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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