हे मात भवानी जगदंबे | Maa Bhavani Jagdambe
हे मात भवानी जगदंबे
( Hey Maa Bhavani Jagdambe )
हे मात भवानी जगदंबे, मां अष्टभुजाओं वाली।
सजा है दरबार निराला, सुन लो मां शेरावाली।
सुन लो पुकार मां शेरावाली
सिंह सवार जय मां दुर्गे, शक्ति स्वरूपा जगजननी।
मात भवानी कल्याणी, आदि शक्ति दानव दलनी।
सिद्धि प्रदायिनी मां अंबे, दुखड़े दूर करने वाली।
जय महाकाली मैया, ढाल खड़ंग खप्पर वाली।
सुन लो पुकार मां शेरावाली
जगमग जोत ज्वाला मैया, कर में सोहे चक्र भाला।
जग करतार भवानी अंबे, भक्त खड़े ले पुष्प माला।
भर दो भंडार मेरी मैया, सुख वैभव बरसाने वाली।
अटकी मेरी नाव मंझधार, नैया पार लगाने वाली।
सुन लो पुकार मां शेरावाली
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )