Vidyarthi
Vidyarthi

विद्यार्थी

( Vidyarthi ) 

 

तैयारियां करते रहो इम्तिहानों की
दौड़ भी तो लंबी है जिंदगी की
और है वक्त बहुत कम
जिम्मेदारियों का साथ ही बोझ भी तो है…

बिके हुए हैं पर्यवेक्षक भी
तिसपर , चिट भी है और की जेब मे
आपके हालात का मोल नही यहां
प्रतिस्पर्धा के इस जंग मे
ढाल भी तुम्हारी ,प्रहार भी तुम्हारा …

कहने मात्र को विद्यार्थी हो तुम
एक संसार की उम्मीद भी हो तुम
किसी का स्वप्न ,किसी की हो तुम
वसीयत भी छोड़नी है तुम्हे
कल की बुनियाद भी हो तुम….

चुकाना है मोल ममता का
पोछने हैं आंसू तात के
चुकाना है राखी का कर्ज भी
पड़ोस से समाज तक
समाज से देश तक
जमी हैं निगाहे सभी की तुम्ही पर…

पल भर भी फुरसत नहीं
कल की भी तैयारियां करते रहो
दौड़ है लंबी
और वक्त बहुत कम…….

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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