मां की ममता मां का प्यार
मां की ममता मां का प्यार
( 2 )
सच है मां सबसे प्यारी है
मां सारे जग से न्यारी है
मां बिना कोई रह न पाए
ठोकर लगे मां याद आए
मां ईश्वर का रूप लगता
मां की गोद मे सुख मिलता
इतनी खूबियां होने पर भी
मां घर मे बोझ बन जाती
जो घर मां से चलता था
उस घर मे मां गैर बन जाती
वर्द्धाश्रम में रहने लगती मां
निष्ठुर संतान का बोझ सहती मां।
श्रीगोपाल नारसन
( 1 )
मां की ममता मां का प्यार।
हर बच्चा करता मां को प्यार।।
मां से कोई नहीं होता उद्धार।
सारे जग में एक ही पुकार।।
जब मिलता है मां का दुलार।
रोता बच्चा हंसे सौ बार।।
मां के आंचल से मिटे अंधकार।
मां हमेशा मुस्कुराती रहम कर।।
मां हम सबकी हमेशा ईश्वर सलामत कर।
मां चलाती जिंदगी के हर मोड़ पर।।
मां पिलाती दूध हर काम छोड़कर।
मेरी मां रोती है परेशानियां देखकर।।
भूखी रही खिलाया मुझे मां ने रात काटी जाग कर।
लाख गलतियां हो मगर मां ने समझाई हर डगर।।
मां के बिना सुना है सारा संसार।
जिनके मां नहीं है उनसे पूछो मां का प्यार।।
जिन घरों में मां का है बसेरा।
उन घरों में रात नहीं है सवेरा।।
मां के चरणों में जन्नत है सर्वस्व निछावर।
रोटी बेटी दो वंशों की है मां धरोहर।।
सुखदेव शर्मा
एडवोकेट कवि जिला बदायूं
( उत्तर प्रदेश )