Maharana Pratap Jayanti
Maharana Pratap Jayanti

महाराणा प्रताप जयंती

( Maharana Pratap Jayanti )

 

मुगल सदा नतमस्तक रहे,मेवाड़ी शेर के सामने
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रजपूती आन बान शान ,
कीका संग नित परवान ।
अनवरत संघर्ष मुगल विरुद्ध,
अदम्य साहस बुलंदी आह्वान ।
शत्रु हौसले मूल पस्त ,
हिंद अनुपमा निहारने ।
मुगल सदा नतमस्तक रहे, मेवाड़ी शेर के सामने ।।

प्राण पूर्व माटी प्रियल ,
ध्येय राष्ट्र स्वाभिमान ।
विचरण अरावली दुर्गमता,
शीर्ष मातृभूमि मान सम्मान ।
तज राजसी ठाठ बाट,
गमन घास रोटी स्वीकारने ।
मुगल सदा नतमस्तक रहे, मेवाड़ी शेर के सामने ।।

सूर्य सम ओज अनुपमा,
राष्ट्र भक्ति व्यक्तित्व अंग ।
मुगली समर्पण सदा विरोध ,
कृतित्व अंतर उत्सर्गी रंग ।
अजर अमरता गौरव पर्याय,
मानवता उत्थान कर थामने।
मुगल सदा नतमस्तक रहे, मेवाड़ी शेर के सामने ।।

शौर्य पराक्रम वीर शिरोमणि,
महाराणा सुशोभित उपनाम ।
हिन्दुआ सूरज परम पदवी,
अनंत कृपा एकलिंग जी धाम ।
चेतक संग युद्ध कला अद्भुत,
हल्दी घाटी रूप रंग संवारने ।
मुगल सदा नतमस्तक , मेवाड़ी शेर के सामने ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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