मां
मां

मां

( Maa )

 

मेरे  गम  में  देखा  है आँख  तेरी  नम  होते  हुये , माँ

मेरे हँसने पर तबस्सुम देखे तेरे लब पर खिले हुये, माँ

 

मेरी उम्र के साथ तेरी हर शिकन और गहराती दिखी, माँ

तेरी  कमज़ोर,  पतली  काया  मुझमें दम भरती देखी, माँ

 

मेरी  सांस  के  साथ  हर  सांस  तेरी देखी चलते हुये, माँ

खुदा की तहरीर,रब का नूर देखा तेरी हर अरदास में, माँ

 

माँ  क्या   होती  है,  क्या  है  हकीकी  वजूद  तेरा

जाना तो जान सकी बस,जब बेटी ने मेरी मुझको कहा, माँ

 

 

?

Suneet Sood Grover

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

यह भी पढ़ें :-

कभी तो कोई बात होना चाहिये | Ghazal

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here