माधव तेरी लीला न्यारी

( Madhav teri leela nyari )

 

गिरधर नागर हे बनवारी, माधव तेरी लीला न्यारी।
कृष्ण कन्हैया कुंज बिहारी, चलती ये दुनिया सारी।
माधव तेरी लीला न्यारी

गोकुल आया मथुरा आया, वृंदावन हे कुंज बिहारी।
द्वारिका का नाथ सांवरा, नटवर नागर मुरली धारी।
मदन मोहन हे मनमोहन, माखन चोर सुदर्शन धारी।
कमल नयन हे केशव कान्हा, लक्ष्मीकांत सुखकारी।
माधव तेरी लीला न्यारी

सखा सुदामा दामोदर, श्यामसुंदर सत्यव्रत धारी।
गोपाल प्रिय हे गोविंद, सर्वपालक गोवर्धन धारी।
परम पुरुष हे परमात्मा, परमानंद पर हितकारी।
पार्थ सारथी परमपिता, परमेश्वर हरो पीर हमारी।
माधव तेरी लीला न्यारी

दीनबंधु स्वामी दुखहर्ता, सबके रक्षक मदन मुरारी।
प्राण प्रिय हे राधे मोहन, गोपियों के प्रभु गिरधारी।
अटकी नैया पार लगाओ, भक्त वत्सल हे बनवारी।
रणछोड़ जल्दी आओ, विपदा आन पड़ी है भारी।
माधव तेरी लीला न्यारी

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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