![Mahadevi Verma par Kavita Mahadevi Verma par Kavita](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/02/Mahadevi-Verma-par-Kavita-696x464.jpg)
कवियित्री महादेवी वर्मा
( Kavayitri Mahadevi Verma )
विद्यार्थी-समय से काव्य में प्रतिष्ठा पानें लगी आप,
साहित्य-संगीत, चित्रकला में पहचान बनाई आप।
गुलामी व आज़ादी के दिनों पर रची रचनाएं ख़ास,
हिंदी विशाल मन्दिर की सरस्वती कहलायी आप।।
आज हिंदी में सबसे सशक्त कवयित्रियों में ये नाम,
जिससे इन्हें जानते है आधुनिक मीरा के भी नाम।
छायावादी युग के ४ प्रमुख-स्तम्भों में एक है आप,
महादेवी वर्मा है वो ऐसी महा शख्सियत का नाम।।
उतरप्रदेश के फर्रुखाबाद में होली को जन्मी आप,
दिन था जो वो छब्बीस मार्च सन उन्नीस सो सात।
उपन्यासकार-लघुकथा-लेखिका-कवित्री थी आप,
मां का नाम हेमरानी देवी पिता श्री गोविंद प्रसाद।।
प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्राचार्या भी रही आप,
साहित्य अकादमी सदस्यता प्रथम लेखिका आप।
साहित्यकार संसद” संस्था की स्थापना किए आप,
एवं चांद मासिक पत्रिका की संपादिका थी आप।।
पद्मभूषण-पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित आप,
१९८२ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित है आप।
१० से भी ज़्यादा संकलन जिनके है यह प्रकाशित,
विवाहित रहते हुए अविवाहित जैसे जिएं है आप।।