महिमा | Mahima
महिमा
नारी संसार का मूल स्थान है
नारी वचन है वन्दन है और–
मां भगवती का वरदान है!
नारी देश की प्रगति का आधार है
नारी ओम् है अन्नपूर्णा है और–
मां दुर्गा का अवतार है!
नारी खेतों में लहलहाती फसल है
नारी श्रम है साधना है और —
मां सीता का संबल है!
नारी घर – परिवार की शान है
नारी याचना है यामिनी है और–
मां लक्ष्मी का यशगान है!
नारी आरती में महकता कपूर है
नारी पूजन है परिणय है और–
मां पार्वती का सिन्दूर है!
नारी तरंगित हृदय की मीत है
नारी शांति है समृद्धि है और–
मां सरस्वती का संगीत है!
अपने पापाचार के घड़े भरने वालों
उसकी कोख को कलंकित करने वालों
सुनो… सुनो राक्षसों सुनो रावणों
तुम्हारे जुल्मो सितम से नारी का स्वाभिमान कभी खो नहीं सकता
और खुद तुम्हारा उध्दार भी, नारी- शक्ति के बिना हो नहीं सकता!
सुरेश बंजारा
(कवि व्यंग्य गज़लकार)
गोंदिया. महाराष्ट्र