तरीके से

( Tarike se )

 

जो चला गया छोड़कर
वह मिला ही था जाने के लिए
हर मेल मुक्कमल नहीं होती
कुछ लोग मिलते ही हैं मतलब के लिए

उसके लिए वक्त बर्बाद ना कर
आपके वक्त की कीमत नहीं होगी
आज भी छोड़ देगा तुम्हें कल के लिए
इस आज की संगत भी नसीब नहीं होगी

भर जाते हैं जख्म गहरे वक्त के साथ
बदल जाती है फिजा वक्त के साथ
मिल जाता है साथ भी वक्त के साथ
अगर आप चलते हैं वक्त के साथ

सोच और समझ अलग है सबकी
चाहतें और जरूरतें अलग हैं सबकी
एक जैसा ही कोई दूसरा नहीं होता
दिल और दिमाग में भिन्नता है सबकी

आपको चलना होगा अपने तरीके से
सँवारनी होगी जिंदगी सलीके से
रख न अपेक्षाएं किसी और से तू
पहुंचना होगा किनारे तक अपने हौसले से

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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