Mehnat Se hi Sukh Milta hai
Mehnat Se hi Sukh Milta hai

मेहनत से ही सुख मिलता है

( Mehnat se hi sukh milta hai ) 

 

हांथ पे हांथ रखकर बैठने से
मंजिले नही मिला करती।
छूना है आसमां अगर तुमको
उड़ान तो भरनी होगी

जीवन में कुछ करना है तो,
तो तुमको आगे बढ़ना होगा।
छोड़ के सारी सुख सुविधाएं,
कठिन राह को चुनना होगा।

माना कुछ लोगों को सब,
आसानी से है मिल जाता।
माना कुछ भी उनको बिन,
मेहनत के है मिल जाता ।

पर बिन मेहनत के वो सब,
कितने दिन सुख को भोगेंगे ।
आलस में यदि घिरे रहे तो,
जो है वो भी वो खो देगे
क्योंकि बिना किए मेहनत जग में
जय जय कार नहीं होती।

मेहनत के दम से ही प्राणी,
जीवन में कुछ कर पाता।
गिर कर उठता फिर चलता है,
वहीं मनुज मंजिल पाता।
मंजिल को गर पाना है तो,
आगे कदम बढ़ाना होगा।।
छोड़ के सारी सुख सुविधाएं ,
कठिन राह चुनना होगा।

 

रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज ( लखनऊ )

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