मेरी बहन

( Meri Bahan ) 

 

बांधकर मेरी सूनी कलाई पर धागा,
किसी ने मुझे भाई होने का सम्मान दिया,

समाज की सोच से बिल्कुल परे एक प्रेम के धागे से,
किसी ने मुझे अपने भाई से भी ज्यादा प्यार दिया,

कोख अलग अलग है जन्म की,
किसी ने अपने जीवन में मुझे कृष्ण सा स्थान दिया,

छोड़कर जाने वालों से बिल्कुल परे,
मेरी इस बहन ने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया,

कहते है पराए घर जाकर रिश्ते भी पराए से हो जाते,
खुशनसीबी है मेरी जो ये रिश्ता कभी पराया ना हुआ,

दिल से जब भी याद किया,
इस बहन को हरपल खुद के करीब ही पाया।।

 

रचनाकार : योगेश किराड़ू
बीकानेर ( राजस्थान )

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