मिंतर चौक | Minter Chowk
मिंतर चौक
( Minter Chowk )
आओ थानै आज घुमाल्यू, चालो मित्र चौक।
जगदंबा दरबार सज्यो देओ माई शीतला धोक।
सब्जी मंडी सारै लागै, विघ्नहर्ता गणपति राज।
गोपीनाथ जी मंदिर साजै, सुधारै सगळा काज।
नैणसुखा मोदी पंसारी, चिराणियां सर्राफ व्यापारी।
सटोरिया को अड्डो ठाडो, चालै राजनीति बड़ी भारी।
मंच सजा भाषण बाजी हो फेर चालै नोक झोंक।
नेता आडा ठाडा सगळा चाल्या आवै मिंतर चौक।
कदे कविता कंठा सूं गूंजे, चालै भजना री रसधार।
नृत्य गान संगीत सुर चालै, फागण मस्ती री बहार।
राजनीति उठा पटक सगळी, मिलै मिंतर चौक मांय।
वोट बाद म पड़सी भाया, भाव पैली निकळ ज्याय।
बादळ देख जमानों कह दे, आढ़तियां री कहावत।
दबंग केशरदेव मिंतर, भायलो नाहर सिंह शेखावत।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )