नवदुर्गा
( Navdurga )
नवदुर्गा के नौ रूपों को पूजे हैं संसार।
मात करतीं सबका कल्याण ।
सिंह सवारी वाली मैया ,आईं गज पे सवार।
मात करतीं जग का कल्याण।
प्रथम शैलपुत्री कहलातीं,
पिता हिमाचल के घर जनमीं।
द्वितीय ब्रह्मचारिणी हो माते,
संयम नियम का पाठ पढ़ातीं।
माथे पर घंटा सा चंदा, चंद्रघंटा है नाम।
करतीं ,सुख शांति संचार..
मात जग का करती कल्याण।
कुष्मांडा भय को हर लेतीं,
राह सफलता की है देतीं।
कार्तिकेय की मां हो माते,
स्कंदमाता हो कहलातीं।
कात्यायन की पुत्री रूप में, कात्यायनी है नाम।
हरतीं रोग शोक संताप
मात करतीं जग का कल्याण।
कालरात्रि सिद्धि देतीं हो,
उन्नति की राहें खोलतीं हो।
महागौरी का रूप हो माते,
उज्ज्वल चरित्र का बल देतीं हो।
हर सिद्धि को देने वाली सिद्धिदात्री है नाम ।
कुशलताओं को देंय निखार
मात करतीं जग का कल्याण।
श्रीमती अनुराधा गर्ग ‘ दीप्ति ‘
जबलपुर ( मध्य प्रदेश )