मोर छत्तीसगढ़ महतारी | Mor Chhattisgarh Mahtari
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
( Mor Chhattisgarh Mahtari )
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हावय सबले महान,
एकर कोरा मा खेलय का लईका का सियान।
हमर राज्य के सुख सम्पदा हा सबके मन ला भावय,
एक बार जेन आगे ईहां नई फेर कभू छोड़के जावय।
हमर छत्तीसगढ़िया भुईयां हा कहाथे धान के कटोरा,
दुसर के मदद करे बर नई करन काकरो अगोरा।
हमर छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नई पावय कोनो पार,
खनिज सम्पदा घलो मिलथे इहां के माटी मा अपार।
मैनपाट हा मुकुट हरे कवर्धा रायगढ़ भुजा,
देश मा एकर असन नई हे राज्य कोनो दूजा।
बीएसपी अऊ बालको फैक्टरी जिहा हावय,
कतको घर परिवार के पेट रोजी एहा चलावय।
तीन नंदियां के संगम हावय राजिम प्रयाग धाम मा,
चित्रकूट अऊ तीरथगढ़ झरना नई हे पीछू नाम मा।
बस्तर के इंद्रावती नंदिया हा पखारय एकर चरन,
हमन कतका भाग वाला जऊन ईहां जन्मे हवन।
रतनपुर महामाई दाई डोंगरगढ़ बमलाई,
बस्तर दंतेवाड़ा मा हावय दंतेसरी दाई।
एकर मनके आशीष ले अतका बड़े बढ़े हावन,
छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा मा हमन खेलत हवन।
धन्य हे हमर छत्तीसगढ़ महतारी अऊ ईहां के रहईया,
चारो मुड़ा के मनखे मा सबले बढ़िया कहाथे
रचनाकार –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )