मुलाक़ात कीजिए

मुलाक़ात कीजिए | Mulaqaat Kijiye

मुलाक़ात कीजिए

( Mulaqaat Kijiye )

काबू में पहले अपने ये जज़्बात कीजिए
फिर चाहे जैसे हमसे मुलाक़ात कीजिए

जिस में ख़ुशी हो आप की वोही करेंगे हम
ज़ाहिर तो अपने आप ख़यालात कीजिए

फ़ुर्क़त की धूप सहने- चमन को जला न दे
शिकवे भुला के प्यार की बरसात कीजिए

अफ़साना मत बनाइये छोटी सी बात का
मुद्दे की बात है जो वही बात कीजिए

शामें गुजारिए किसी लीडर के साथ में
बेख़ौफ़ होके फिर तो ख़ुराफ़ात कीजिए

होगा वही जो आप की क़िस्मत में है लिखा
चाहे दुआएं आप दिनों रात कीजिए

साग़र सुना के दौरे – गुज़िश्ता की बात को
बर्बाद इस तरह न हसीं रात कीजिए

Vinay

कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003

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