Nav Deep Jala lo

नव दीप जला लो | Nav Deep Jala lo

नव दीप जला लो

( Nav deep jala lo )

 

आ रही दीवाली की बेला आ रही दीवाली की बेला,
हर्ष उल्लास और खुशियों का अब लगेगा रेला,
नव दीप जला लो…

निराशा उदासी और अंधकार का हो जाएगा खात्मा,
प्रफुल्लित मन से पुलकित हो जाएंगी हर आत्मा,
नव दीप जला लो…

इस बेला में लोग हर्ष उल्लास के नव दीप जलाएंगे,
दीवाली के इन पांच दिनों में जीवन की खुशी पाएंगे,
नव दीप जला लो…
धन तेरस में धनवंतरी पूजा नरक चौदस में कृष्ण की पूजा,
तीसरे दिन में धन सम्पत्ति और लक्ष्मी देवी की पूजा,
नव दीप जला लो…

चौथे दिन गोवर्धन पूजा में गौ गोवर्धन को पूजेंगे,
भाई बहन का प्यार जगेगा पांचवें दिन भाई दूज मानेंगे,
नव दीप जला लो…

दीवाली त्यौहार है खुशियों का मन में उमड़ती उमंगों का,
भर देती जनमानस को खुशियों की हिलोर तरंगों का,
नव दीप जला लो…

रचनाकार  –मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर, ( छत्तीसगढ़ )

यह भी पढ़ें :-

मोर छत्तीसगढ़ महतारी | Mor Chhattisgarh Mahtari

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *