नूतन वर्ष मंगलमय हो
( Nutan Varsh Mangalmay ho )
नूतन वर्ष मंगलमय हो,
सारा जहां यूंही रोशन रहे।
दिन दुनी रात चौगुनी हो,
सदा खुशियों की सौगात रहे।।
नूतन वर्ष…।।1।।
पुलकित मन सबका हो,
ऐसा मन में विश्वास रहे।
खुशियों भरा जीवन हो,
भाईचारे का विस्तार रहे।।
नूतन वर्ष…।।2।।
इच्छाओं की स्व-पूर्ति हो,
शतबुद्धि हमारे पास रहे।
धन संपदा सब घर में हो,
सुख समृद्धि का वास रहे।।
नूतन वर्ष…।।3।।
फूलों की तरह महक हो,
गुलिस्तां का बागवान रहे।
प्रेमभाव और समागम हो,
सद्द्विचारों का सम्मान रहे।।
नूतन वर्ष…।।4।।
नववर्ष की पावन बेला हो,
अनुपम रिश्तों में सुधार रहे।
मूलमंत्र है सहज जीवन हो,
सदा ईश्वर का वरदान रहे।।
नूतन वर्ष…।।5।।
हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’
शिक्षाविद/गीतकार/लोकगायक/समाजसेवी
आमला, जिला- बैतूल (मध्यप्रदेश)