शब्दाक्षर जिलाध्यक्ष रमाकांत सोनी को मिला मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न पुरस्कार

शब्दाक्षर जिलाध्यक्ष रमाकांत सोनी को मिला मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न पुरस्कार

महान साहित्यकार उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 145 की जयंती पर सियाम ऑडिटोरियम राज्य कृषि एवं प्रबंधन संस्थान दुर्गापुरा, जयपुर में आयोजित भव्य समारोह में शब्दाक्षर के जिला अध्यक्ष कवि रमाकांत सोनी व जिला उपाध्यक्ष तेजसिंह राठौड़ को मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न पुरस्कार 2025 शाल प्रतीक चिन्ह व सर्टिफिकेट देकर प्रदान किया गया। यह…

तुलसी कौन थी?

तुलसी कौन थी?

हमारा देश धर्म के साथ भावना प्रधान देश है जहाँ न जाने कितनी धर्म मान्यताओ और आस्थाओ में हम सब विश्वास करते है। तभी तो हमारी संस्कृति अभी तक बची हुई है। इसी के अंतर्गत तुलसी कौन थी ? तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी। जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में…

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‘अश्लीलता’

शाम के समय पार्क में टहलते हुए, मेरी नजर अपने स्कूली मित्र उमेश पर पड़ी। उससे मेरी मुलाकात लगभग 4 वर्ष बाद हुई थी। उसके साथ उसकी दो खूबसूरत बेटियां थी, जिनकी उम्र लगभग 6 वर्ष और 4 वर्ष होगी। वह बच्चियों को पार्क में घुमाने लाया था। मेरी उससे दुआ सलाम हुई। हम दोनों…

तुलसी जयंती

तुलसी जयंती

(भक्ति, साहित्य और दार्शनिक चिंतन का संगम) तुलसी जयंती, भारतीय संस्कृति और साहित्य में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण और पावन पर्व है। यह दिवस भक्तिकाल के अमर कवि, दार्शनिक, समाज सुधारक और कालजयी महाकाव्य रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह मात्र एक तिथि विशेष नहीं, बल्कि एक…

‘कुल की रीति’ का दार्शनिक आलोक

‘कुल की रीति’ का दार्शनिक आलोक

‘तुलसी’ कबहुँ न त्यागिए, अपने कुल की रीति।लायक ही सों कीजिए, ब्याह, बैर अरु प्रीति॥ संदर्भ :— यह दोहा गोस्वामी तुलसीदास की नीति पर आधारित रचना “रामचरितमानस” का नहीं है, बल्कि यह “विनय पत्रिका” या उनकी किसी अन्य स्वतंत्र नीति-काव्य रचना से भी नहीं लिया गया माना जाता। बल्कि यह दोहा तुलसीदास जी के नाम…

Chai ki Chuskiyan

चाय

जब मैं छोटा था, 12 वर्ष का रहा होऊंगा। मैंने तब चाय बनाना सीखा ही था। तब घर में कोई भी मेहमान आता, चाय मैं ही बनाता था। मुझे चाय बनाने में खुशी मिलती थी, बड़ा मजा आता था। इसी बहाने मुझे भी चाय पीने को मिल जाती थी। एक दिन घर पर सीताराम अंकल…

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद

प्रेमचंद जयंती

(साहित्य का दीप और समय का दर्पण) प्रत्येक युग में समय की धारा को दिशा देने वाले कुछ युगद्रष्टा जन्म लेते हैं, जो अपनी लेखनी से न केवल साहित्य का विस्तार करते हैं, अपितु समाज की चेतना को जाग्रत कर, उसे एक नई दृष्टि प्रदान करते हैं। मुंशी प्रेमचंद ऐसे ही कालजयी साहित्यकार थे, जिनके…

शुभम साहित्यिक संस्था ने शुभम जयंती पर कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

शुभम साहित्यिक संस्था ने शुभम जयंती पर कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

बरेली- शुभम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ने शुभम की जयंती पर कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन मेयर कार्यालय के सभागार में उस्ताद शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर रहे तथा विशिष्ट अतिथि रहे अक़ीम उद्दीन बिजनौर व रईस अहमद राज़…

नाग पंचमी विशेष

नाग पंचमी सांस्कृतिक आस्था और पर्यावरणीय चेतना का पर्व

भारत की संस्कृति विविधताओं से भरी हुई है, जहाँ प्रत्येक पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, अपितु लोकमानस की गहराइयों से जुड़ा एक जीवन-दर्शन होता है। नाग पंचमी भी ऐसा ही एक पर्व है, जो आध्यात्मिक श्रद्धा, प्रकृति के प्रति सम्मान और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त प्रतीक है। नाग पंचमी का उल्लेख अनेक पुराणों और महाभारत…

narendra sonkar

नरेन्द्र सोनकर की कविताएँ | Narendra Sonkar Poetry

रोटी बड़ी या देश बड़ा? संसद गूंगीसांसद गूंगान्यायालय गूंगान्यायाधीश गूंगासत्ता गूंगीशासन गूंगादल-दल गूंगागण-गण गूंगाबस्ती गूंगीघर-घर गूंगाजन-जन गूंगाकण-कण गूंगाधरम-करम का परचम गूंगापढ़ें-लिखें का दमखम गूंगाइस देश का सिस्टम गूंगा अशिक्षा का ग्राफ न पूछो?महंगाई की भाप न पूछो?बेरोज़गारी ज़िंदा डसतीछात्र लटकते हैं फांसी परहताशा, निराशा इतनी खून, मांस, लोग बेचें किडनी! नगर-सिटी क्या,बस्ती क्या,लोग भटकते दर-बदररोटी…